Sunday, January 29, 2012

घूस न देने पर पिटाई, फेसबुक मुहिम पर हुई कार्रवाई

इंटरनेट अब करप्शन पर लगाम कसने का जरिया भी बनता जा रहा है। उत्तर प्रदेश के हरदोई परिवहन विभाग में रिश्वत नहीं देने पर आईआईटी खड़गपुर के एक स्टूडेंट की पिटाई के मामले को ऑनलाइन मुहिम में बदल देने से प्रशासन को 48 घंटे के भीतर कार्रवाई करनी पड़ी। आईआईटी खड़गपुर के स्टूडेंट राहुल ने बताया कि जब उसने ऑफिस में फोटो खिंचवाई तो उससे कर्मचारियों ने रिश्वत की मांग की। राहुल और उसके कुछ दोस्तों ने पैसे देने से इनकार कर दिया जिसके बाद कर्मचारियों ने उसे कमरे में बंद कर लिया और करीब 12 कर्मचारियों ने उसकी पिटाई शुरू कर दी। उसके दोस्तों ने इस पूरे मामले का विडियो बनाकर 'यूट्यूब' वेबसाइट पर डाल दिया और लोगों से साथ देने की अपील की। अमेरिका से 'आरटीआई अनॉनिमस' नाम से संस्था चला रहे आनंद शर्मा ने फेसबुक, गूगल, ट्विटर के माध्यम से छात्र को न्याय दिलाने के लिए एक ऑनलाइन कैंपेन चलाया और उन्होंने ही जिलाधिकारी हरदोई का नंबर फेसबुक पर डाल कर लोगों से उन्हें इस मामले में कदम उठाने की अपील करने के लिए कहा। इस मुहिम में जिलाधिकारी हरदोई एमकेएस सुंदरम से हुई बातचीत को भी रेकॉर्ड कर इंटरनेट पर डाल दिया गया, जिसमें उनसे कहा गया था कि अगर सात दिन के भीतर संघप्रिय राहुल की पिटाई करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती है तो लोग उनके घर पर गुलाब के फूल के साथ चप्पल और महिलाओं के अंडरवेयर भेजना शुरू करेंगे। ' जस्टिस फॉर संघप्रिय राहुल' नामक इस मुहिम से हजारों लोग जुड़ते गए और अनेक लोगों ने जिलाधिकारी को फोन कर इस मामले में ठोस कदम उठाने के लिये कहना शुरू कर दिया, जिसका असर तुरंत दिखा। फेसबुक पर चली इस मुहिम के कारण प्रशासन को शर्मसार होना पड़ा और वह हरकत में आ गया। डीएम ने 19 जनवरी को सुबह दस बजे एआरटीओ ऑफिस चेक किया और वहां मौजूद दलालों को चलता कर दिया। साथ ही राहुल से बदसलूकी करने वाले कर्मचारियों को सस्पेंड करने के लिए आरटीओ एके पांडेय को निर्देश भी दे दिया। आरटीओ पांडेय ने इस मामले में मुख्य अभियुक्त जूनियर क्लर्क अनिल कुमार शुक्ला को सस्पेंड कर दिया है। डीएम सुंदरम ने कहा, 'हमें सात दिन का समय दिया गया था पर हमने सिर्फ 48 घंटों में ही इस मामले पर कार्रवाई कर दी। मैंने खुद इस पूरे मामले के बाद की गई कार्रवाई के आदेश को न्याय दिलाने के लिए बनाये गए फेसबुक पेज पर डाला है।' उन्होंने कहा कि फेसबुक और सोशल नेटवर्किंग की इस ताकत को देख वह भी अब फेसबुक से जुड़ चुके हैं। डीएम सुंदरम ने माना कि फेसबुक के जरिए चली इस मुहिम का असर जरूर हुआ है। इसी के चलते उन्होंने तुरंत मामले को संज्ञान में लेते हुये कार्रवाई की और इस मामले की मैजिस्ट्रेट जांच के आदेश भी दे दिए। उनका कहना है कि अभी सिर्फ एक ही क्लर्क को सस्पेंड किया गया है, अगर जांच में और कर्मचारी भी दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

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